विष्णु वराह मंदिर मझौली
११वी शती में निर्मित एवं कालांतर में ध्वस्त हुए मंदिर का पुनर्निर्माण 17–18 वी शती मैं किया गया जिसका शिखर मूलरूप में नहीं है | मंदिर पुर्वाभिमुख है जिसके बाहा भितियों एवं परकोटे में प्रचीन मूर्तिया जड़ी हुई है द्वार के सामने स्तंभ है जिस पर दशावतार का अंकन है मंदिर के द्वार शाखाओं में मकर वाहिनी गंगा एवं कच्छप वाहिनी यमुना का चित्रण है एवं बीचो-बीच योग नारायण पदमानस में बैठे हुए तथा दोनों और नवग्रह प्रदर्शित हैं मंदिर के काष्ट कपाटो पर भी देव अलंकरण है मंदिर के वर्गाकार गर्भ ग्रह में 11वीं शती की यज्ञ वराह की खड़ी विशाल मूर्ति है जिसके नीचे चौकी पर अमृतघट लिए शेषनाग एवं उनके पीछे उनकी पत्नी प्रदर्शित है शेषनाग के ऊपर तथा वराह की थूथन के नीचे पदमानस में योग नारायण हैं वराह के शरीर पर देव मुनि,सिद्ध एवं गंधर्व अलंकृत है मूर्ति अत्यंत भव्य पुरातत्वीय महत्त्व की है |
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कैसे पहुंचें:
बाय एयर
जबलपुर के निकटतम हवाई अड्डे, दुमना हवाई अड्डे शहर से केवल 20 किमी की दूरी पर है। जबलपुर मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, पुणे, नागपुर, भोपाल और इंदौर से भी हवाई यात्रा से जुड़ा हुआ है।
ट्रेन द्वारा
जबलपुर रेलवे के लिए मध्य भारत में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। मध्य रेलवे का विभागीय क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय इस शहर में है। महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान की उपस्थिति के अलावा, जबलपुर रेलवे स्टेशन की रेलवे कनेक्टिविटी दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, वाराणसी, आगरा, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, नागपुर, जम्मू जैसे भारत के बाकी शहरों और पर्यटन स्थलों के साथ बहुत अच्छी है। रायपुर, इलाहाबाद, पटना, हावढ़, गुवाहाटी, जयपुर इत्यादि। जबलपुर से गुजरने वाली सभी महत्वपूर्ण ट्रेनें यहां रुकती हैं। यह मुंबई-हावड़ा रेल ट्रैक पर स्थित है।
सड़क के द्वारा
जबलपुर सड़क से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग -7 जबलपुर से गुजरता है जो वाराणसी को कन्याकुमारी से जोड़ता है। जबलपुर से जुड़े निकटवर्ती महत्वपूर्ण शहर नागपुर, भोपाल, रायपुर, खजुराहो आदि हैं। रोड द्वारा, आप सड़क पर भारत में किसी भी स्थान पर जा सकते हैं। इसके पास वाराणसी, इलाहाबाद, रायपुर, भोपाल, छतरपुर (खजुराहो के लिए), कान्हा नेशनल पार्क, चंदवाड़ा, सागर इत्यादि जैसे शहरों के साथ सीधी बस कनेक्टिविटी है।