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सामाजिक न्याय एवम नि:शक्तजन कल्याण

मध्यप्रदेश शासन – एक कदम उजाले की ओर

एक कदम उजाले की ओर
मध्यप्रदेश शासन -एक कदम उजाले की ओर

तारे जमीन पर

विधालय भवन - मांसिक रुप से अविकसित बालग्रह, जबलपुर (म.प्र.)
विधालय भवन – मांसिक रुप से अविकसित बालग्रह, जबलपुर (म.प्र.)

मस्तिष्क का विकास मनुष्य जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, यदि किसी के जीवन में बुद्धिहीनता या मंदता आ जावे तो यह उसके जीवन की सभी चुनौतियाँ दिगुणित हो जाती हैं। शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बालग्रह जबलपुर (म.प्र.) ने मानसिक मंद बालक – बालिकाओं के पुनर्वास, शिक्षा और रोजगार, स्वरोजगार को लेकर एक संकल्प हाथ में लिया । इसी के अंतर्गत शासन द्वारा संचालित इस संस्था की स्थापना 01/12/1981 को की गई ।
‘’मानसिक मंदता के कारण यह बच्चे समाज के लिए अनुपयोगी हैं’’ इस तथ्य को ‘’मानसिक रूप से अविकसित बालग्रह” इस विचार को सैद्धांतिक रूप से खारिज करती है। मानसिक मंद बच्चों को किसी की दया की दरकार नहीं है। दरअसल समाज का यही नजरिया बदलने की जरूरत है। इन मानसिक मंद बच्चों को यह संस्था विशिष्ट मानते हुए शिक्षण- प्रशिक्षण ,हस्तकला, व्यवसाय कला, कौशल विकास, रिक्रियेशनल, प्रशिक्षण देकर आत्म निर्भर बनाने का नया रास्ता दिखा रही है। विशिष्ट बच्चों की पहचान प्रतिभा खोजना, उन्हें सम्मानपूर्वक मंच देना, उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास की जिम्मेदारी लेना बालग्रह कर्मियों का मुख्य उद्देश्य है । एक कोशिश है, कि यह परिवार, परिवेश ,समाज और राष्ट्र स्तर पर इन्हे सामाजिक, सांस्कृतिक व व्यवसायिक स्तर पर नई पहचान मिल सके और समाज के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण कड़ी बन सके । विशिष्ट बालको की यह शासकीय संस्था अपनी मंजिल की राह खुद बनाना चाहता है और उसमें पूरे समाज का आत्मीय सहयोग चाहिए। इसी सकारात्मक भाव से अपने सामर्थ से मानसिक मंद बच्चों के जीवन को निखारने की , संवारने की राह प्रशस्त कर रहे हैं।
1981 से संचालित इस विशिष्ट बालक / बालिकाओं (एम.आर.) की विशेष प्रशिक्षण में विशिष्ट बदलाव भी आये । 2012 से इन्हे विशेष शिक्षा हेतु प्रथम बार विशेष शिक्षक (एम.आर.) विभाग द्वारा मुहैया कराया गया। मध्य प्रदेश के 9 संभाग में से 7 मानसिक मंद शासकीय शालाये में स्थापित हैं। जहां विशेष शिक्षक (एम.आर.) अपना विशिष्ट योगदान दे रहे हैं। संस्कारधानी जबलपुर नगर मध्यप्रदेश का संभागीय मुख्यालय है, जिसका प्राचीन और समृद्धशाली इतिहास रहा है कथित है, कि जाबालि ऋषि की तपोभूमि होने के साथ ही नगर का नाम जबलपुर पड़ा है। संस्कृत के प्रमुख रचनाकार राजशेखर की यह कर्मभूमि रही है । आध्यात्मिक चिंतन महर्षि महेश योगी, ओशो के विचारों का उन्मेष भी यही हुआ। हिंदी के व्याकराणाचार्य कामता प्रसाद गुरु, कवि केशव भवानी प्रसाद मिश्र और हरिशंकर परसाई जैसी साहित्यिक विभूतिया इसी नगर की रही है । नर्मदा नदी के किनारे स्थित जबलपुर प्राकृतिक दृष्टि से सुरम्य और विविधतापूर्ण है। संगमरमरी वादियो के लिये विश्व प्रसिध्द भेडाघाट की मनोहारी छटा देखते ही बनती है । जबलपुर के 200 -300 किमी की परिधि मे वन सम्पदा का प्रसार है। वन्य जीवन के विविध आयाम कान्हा, बान्धवगढ पेंच और पन्ना राष्ट्रीय उद्यानो मे परिलक्षित होता है । जबलपुर हमेशा से मध्य प्रदेश ने सांस्क्रतिक केन्द्र के रूप मे प्रसिध्द छटा है । इसलिए विनोबा भावे ने इसे सस्कारधानी कहा है ।

वर्तमान और आगामी रणनीति

• व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास ‘’आत्म निर्भरता का प्रशिक्षण देना,ताकि समाज मे उचित स्थान पा सके। इसके लिये सामाजिक विकास विषय पर विशेष प्रषिक्षण ।
• दक्षता विकसित करने के लिए वर्तमान में छात्रों को कैंडल मेकिंग, प्रशिक्षण सुविधाओं को समृद्ध करना और रोजगारोन्मुख दृष्टि से लागू करना।
• कला प्रतिभाओं को व्यवसाय के रूप में रूपांतरित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करना। संगीत, नृत्य ,योगाभ्यास व खेलकूद प्रतियोगिताओं के माध्यम से सृजन् कला का विकास करना।

उपलब्ध सुविधाये

विशेष शिक्षा – एमआरसीएच के विशेष शिक्षको (एम. आर. ) द्वारा 6 -18 वर्ष के छात्रो को विशेष शिक्षक विशेष तकनीक, विशेष मैथड, विशेष उपकरणो की सहायता से दी जाती है ।

मांसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओ को विशेष शिक्षा देते हुए विशेष शिक्षक
मांसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओ को विशेष शिक्षा देते हुए विशेष शिक्षक

स्पीच थैरेपी, ओक्युपेश्नल थैरेपी / फिजियो थैरेपी , सिलाई प्रशिक्षण, पैंन्टिंग मे प्रशिक्षण, योगा, खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम

मांसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओ को विशेष शिक्षा देते हुए विशेष शिक्षक
मांसिक दिव्यांग छात्र-छात्राओ को विशेष शिक्षा देते हुए विशेष शिक्षक

उपलब्ध सुविधाये

• आवासीय विद्यालय (50 बाल-50 बालिका) स्वीकृत
• निशुल्क भोजन
• शिक्षण की व्यवस्था
• निशुल्क चिकित्सक सुविधा
• रिसोर्स रूम
• असेसमेंट,आईईपी
• वाहन व्यवस्था हेतु मारुति वैन

सामाजिक न्याय
वाहन व्यवस्था

प्रमुख उपलब्धियां

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1-मानसिक दिव्यांगो द्वारा स्वनिर्मित सामग्री का अवलोकन करते हुए कलेक्टर जबलपुर श्री भरत यादव|
2-दौड़ स्पर्धा में विजेताओ (M.R.) का सम्मान करते हुए श्रीमति उषा सिन्ह (सिलाई प्रशिक्षिका)।

• मध्यप्रदेश शासकीय मानसिक रूप से अविकसित बालग्रह (जबलपुर) पहला शासकीय संस्था है यहां पर बच्चों को स्वरोजगार हेतु माननीय वर्तमान कलेक्टर श्री भरत यादव के मार्गदर्शन एवं प्रभारी अधीक्षक डॉ रामनरेश पटेल के सहयोग से कलेक्ट्रेट मार्गदर्शिका मे जबलपुर (म.प्र) में मानसिक मंद बच्चों द्वारा निर्मित सामग्रियों को उत्सव अनुरूप विक्रय हेतु स्थान दिया गया, जहां बच्चों की प्रतिभा को एक वृद्ध मंच मिला एवं खूब सराहना सहित समस्त प्रदेश में प्रसार हुआ एवं इन्हें समाज का उपयोगी अंग बनाने के विचार को सार्थकता मिली |
• मानसिक रूप से अविकसित बालग्रह जबलपुर (म.प्र) में अध्ययनरत 2 मानसिक दिव्यांग बालकों (निखिल एवं सुरेश) का राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित स्पेशल एबिलैम्पिक में 200 मीटर की दौड़ स्पर्धा में (एबिलैम्पिक) चयन हुआ एवं उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया |

विश्व विकलांग दिवस

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विश्व विकलांग दिवस रैली , सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन एवम पुरष्कार वितरण ।

विश्व विकलांग दिवस का आयोजन प्रतिवर्ष जबलपुर मध्यप्रदेश में 1 से 3 दिसंबर को किया जाता है जिसमें 1 दिसंबर को सामर्थ्य प्रदर्शन, 2 दिसंबर को खेलकूद प्रतियोगिता, 3 दिसंबर को रैली व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन शासकीय व अशासकीय संस्थाओं द्वारा मिलकर किया जाता है |
जिला स्तर पर नि:शक्त बच्चों के खेलकूद प्रतियोगिता सामर्थ्य प्रदर्शन स्पर्धा रंगोली, क्रोशिया वर्क,पोट मैकिंग, चित्रकला, नृत्य, गायन, वादन एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है |

अन्य गतिविधियों में सहभागिता

• झील महोत्सव, शरद पूर्णिमा एवं मध्यप्रदेश स्थापना दिवस में बच्चों की विशेष सहभागिता रहती है |
• वृद्ध व बच्चों का समय-समय पर व्रुध्दाश्रम जबलपुर मध्यप्रदेश में विशिष्ट त्योहारों में मानसिक दिव्यांग बच्चों एवं सम्माननीय वृद्धजनों का समागम, विशिष्टजनों की उपस्थिति, प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में सामूहिक सहभागिता के साथ रहता है और विशिष्ट त्योहारों को हर्षोल्लास में मनाया जाता है|

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झील महोत्सव मे प्रस्तुति देते मानसिक दिव्यांग एवं व्रुध्दाश्रम मे मानसिक दिव्यांग एवं वृद्धजनों के साथ माननीय मंत्री श्री लखन घंघोरिया जी ।

विभागीय प्रशासन

• माननीय मंत्री, श्री लखन घनघोरिया जी, म.प्र. शासन सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग एवं अनुसूचित जाति |
• मंत्रालय विभागीय नियंत्रण प्रमुख सचिव, म.प्र. शासन समाजिक न्याय एवं नि:शक्त
जन कल्याण विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल |
• संचालक – सामाजिक न्याय निशक्तजन कल्याण संचालन म.प्र. तुलसी नगर,1250 भोपाल |
• कार्यालय – संयुक्त संचालक श्री आशीष दीक्षित, सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण जबलपुर संभाग जबलपुर (म.प्र.) दूरभाष क्रमांक 0761- 26 25256
• अधीक्षक डॉ रामनरेश पटेल, मानसिक रूप से अविकसित बालग्रह जबलपुर (म.प्र.) दूरभाष क्रमांक-94251 59225
• जबलपुर संभाग सहयोगी स्टाफ- प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती उषा सिंह (मो.9425829078), अकरम अंसारी (पेंटिंग प्रशिक्षक), लिपिक श्री जी. डी. यादव, श्रीमती वनमाला राय मालवीय (विशेष शिक्षक), श्रीमती अरुणिमा चतुर्वेदी (विशेष शिक्षक), श्रीमती अनामिका सिंह (विशेष शिक्षक), श्री मीनेश मालवीय (विशेष शिक्षक), श्री नवीन नामदेव (वार्डन), अकुशल कर्मचारी, रसोईया, चौकीदार, स्वच्छक|

विभाग द्वारा संचालित संस्थाएं

• शासकीय मानसिक रूप से अविकसित रूप से बालगृह,जबलपुर (म.प्र.)
• शा. दृष्टिबाधितार्थ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय.जबलपुर (म.प्र.)
• शा. श्रवण बाधित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय.जबलपुर (म.प्र.)
• शा. अपंग कल्याण संस्थान,जबलपुर (म.प्र.)
नोट:- जिला नि;शक़्त पुनर्वास केंद्र जबलपुर (म.प्र.) (डीडीआरसी )एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस
शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय मनोचिकित्सा(मनोचिकित्सा) से समय-समय पर मार्गदर्शन
परामर्श ,ली जाती है

विभाग द्वारा संचालित योजनाएं

• इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निशक्त पेंशन योजना . समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना . 6 वर्ष से अधिक आयु के बहुविकलांग या मानसिक रूप से अविकसित निशक्तजनों के लिए सहायता अनुदान योजना
• निशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना . मुख्यमंत्री निशक्त शिक्षा प्रोत्साहन योजना . दिव्यांग विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति, दृष्टिबाधितो को वाचक भत्ता और उत्कृष्ट विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि . उच्च शिक्षा में दी जाने वाली फीस निर्वाह भत्ता, परिवहन भत्ता योजना . शत-प्रतिशत श्रवण एवं दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए आवास सहायता योजना . दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन सेवा योजना . आई टी आई मे दृष्टि/श्रवण बाधितो के कौशल प्रशिक्षण . कुष्ठ रोग परिवारों को सहायता . जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र का संचालन . दीनदयाल दिव्यांग पुनर्वास योजना . एडिप योजना . ए जी पी (अवेयरनेस जेनरेशन एंड पब्लीसिटी) स्कीम . राष्ट्रीय न्यास ( स्वपरायणता मानसिक मंदता, सेलेब्रल पलासी बहूविकलांगो हेतु नेशनल ट्रस्ट एक्ट 1999 के अंतर्गत 8 योजनाएं- निरामय, घरौंदा, विकास दिशा, समर्थ, सहयोगी, प्रेरणा, बढ़ते कदम संचालित हैं) . यू डी आई डी कार्ड . दिव्यांगजनों हेतु बाधारहित वातावरण . दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास एवं नियोजन . दिव्यांगजनों के लिए समावेशी शिक्षा . दिव्यांगता का चिन्हांकन, शीघ्र हस्तक्षेप, दिव्यांगता से बचाव . दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 21 के तहत राज्य नीति का निर्धारण |

उपलब्धियां

जबलपुर में सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के अंतर्गत मानसिक दिव्यांगो, दृष्टिबाधित दिव्यांगों, अन्य दिव्यांगों के लिए जिला स्तर पर संस्थाओं/नगरीय निकायों/विकास खंडों में वर्षवार उत्कृष्ट कार्य किए गये जिनके लिए भारत सरकार नई दिल्ली, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से जिले (जबलपुर म.प्र.) को राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
वर्ष दिसंबर 2002 में डॉ. रामनरेश पटेल को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राष्ट्रपति महोदय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।
दिसंबर 2006 में लोकल लेवल कमेटी राष्ट्रीय न्यास के अंतर्गत सर्वाधिक लीगल गार्जियनशिप उनके लिए सॉफ्टवेयर, पुनर्वास जैसे में किए गये उत्कृष्ट कार्य के लिये तत्कालीन कलेक्टर एवं वर्तमान प्रभारी सचिव म.प्र. शासन जबलपुर ( म.प्र.) श्री संजय दुबे को डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम राष्ट्रपति महोदय द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया ।

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वर्ष 2002: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा पुरस्कार प्राप्त करते डॉ. रामनरेश पटेल।
वर्ष 2006: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा पुरस्कार प्राप्त करते श्री संजय दुबे।

सितंबर 2007 में राष्ट्रीय न्यास लोकल लेवल कमेटी की ओर से किए गए सराहनीय कार्य हेतु राष्ट्रीय न्यास भारत सरकार द्वारा मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता भारत सरकार से पुरस्कृत किया गया।
दिसंबर 2016 में तत्कालीन कलेक्टर श्री महेश चंद्र चौधरी को दिव्यांगता के क्षेत्र में किए गए जिले में उत्कृष्ट कार्य के लिये राष्ट्रीय पुरूस्कार राष्ट्र्पति महोदय श्री प्रणव मुखर्जी से पुरस्कृत किया गया ।
दिसम्बर २०१७ में तत्कालीन कलेक्टर श्री महेश चंद्र चौधरी को जिले में दिव्यांगो के लिए बाधा रहित वातावरण स्थापित करने एवं उत्कृष्ट कार्य हेतु राष्ट्रपति महोदय द्वारा राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। जिले के निशक्त कल्याण के संस्थाओं में अनेक अच्छे कार्य की उपलब्धिया रही ।

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वर्ष 2016: राष्ट्र्पति महोदय श्री प्रणव मुखर्जी द्वारा पुरस्कार प्राप्त करते कलेक्टर श्री महेश चंद्र चौधरी
वर्ष 2017: राष्ट्र्पति महोदय श्री रामनाथ कोविन्द से पुरस्कार प्राप्त करते हुए कलेक्टर श्री महेश चंद्र चौधरी ।

वर्ष २०१७ में शासकीय द्रष्टिबाधित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जबलपुर को ‘आई एस ओ सर्टिफिकेट ‘ प्राप्त हुआ। इसी विद्यालय में द्रष्टिबाधितो के सुगम भारत के अंतर्गत इंटरनेट, कम्पयुटरीकृत लाइब्रेरी की स्थापना जिला प्रशासन तत्कालीन कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी, तत्कालीन सी ई ओ जिला पंचायत श्रीमती हर्षिका सिंह, तत्कालीन प्राचार्य डॉ. रामनरेश पटेल, लीड सेन्ट्रल बैंक की ओर से अथक प्रयास से स्थापित किया गया ।
माननीय मंत्री जी श्री लखन घनघोरिया मध्यप्रदेश शासन सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण, अनुसूचित जाति विभाग की ओर से शिक्षा दीक्षा, पुनर्वास, सांस्कृतिक आयोजन, उपकरण वितरण कराये गये।
मई 2019 में स्मार्ट केन स्टिक फॉर ब्लाइंड पर्सन, जून 2019 में अध्यनरत द्रष्टिबाधितो को लैपटॉप का वितरण किया गया। ऐसी अनेक सुविधा दिव्यांगों हेतु पुनर्वास शिक्षा दीक्षा में सहयोगी विशेष उपकरणों का वितरण , दिव्यांगता प्रमाण पत्र वितरण, शिक्षा के क्षेत्र में अनेक किए गये कार्य की उपलब्धियां रहीं हैं माननीय मंत्री जी के प्रयास से।

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1-माननीय मंत्री जी श्री लखन घनघोरिया द्वारा दिव्यांगजनो को उपकरण वितरण।
2-वर्ष 2019: डॉ. रामनरेश पटेल द्रुष्टि संस्थान चित्रकुट द्वारा ‘लुई ब्रेल सम्मान’ से सम्मानित ।

दिव्यांगता के क्षेत्र में जिले में वर्षों से पुनर्वास, शिक्षा प्रशिक्षण, लीगल गार्जियनशिप, अन्य सहायता में किए जा रहे योगदान के लिए चित्रकूट में लुई ब्रेल सम्मान से दृष्टि संस्थान द्वारा नोडल अधिकारी / सदस्य सलाहकार बोर्ड म.प्र. शासन एवं सामाजिक न्याय निशक्तजन कल्याण विभाग मध्यप्रदेश, अधीक्षक मानसिक रूप से अविकसित बालग्रह जबलपुर (म.प्र.), अधीक्षक राज्य अपंग कल्याण संस्थान, जबलपुर (म.प्र.) डॉ. राम नरेश पटेल को पुरस्कृत किया गया अब तक की लीगल गार्जियनशिप आंकडा 1170 एवं मानसिक दिव्यांग आर्थिक सहायता अनुदान 2774 है।